"मौत का तमाशा और ज़िन्दगी की मैयत,

के बीच में ही कुछ सांसें ले लेते हैं जनाब,

थोड़ी-सी ख़ुदा से बहसबाज़ी और कुछ ख़ुद से

बस यूँही हम हर बार ज़माने को बचा जाते हैं। "

 

Copyright © 2020 Ankita Kashyap

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